एक छोटे से गांव में एक किसान रहता था। उसका नाम रामू था। रामू दिन-रात मेहनत करके अपनी फसल उगाता था। वह बहुत ही मेहनती और ईमानदार था।
एक दिन, जब रामू खेत में काम कर रहा था, तो उसे जमीन में कुछ चमकती हुई चीजें दिखाई दीं। उसने उन्हें उठाकर देखा तो वे सोने के बीज थे। रामू बहुत खुश हुआ। उसने सोचा कि अब वह बहुत अमीर बन जाएगा।
उसने उन बीजों को अपने खेत में बो दिया। कुछ दिनों बाद, बीजों से सोने के पेड़ उग आए। रामू बहुत खुश था। उसने सोने के सिक्के बेचकर बहुत पैसा कमा लिया।
लेकिन, धीरे-धीरे रामू लालची हो गया। वह सिर्फ पैसा कमाने में लगा रहा। उसने अपनी मेहनत करना बंद कर दिया। उसके खेत सूख गए और सोने के पेड़ भी मुरझाने लगे।
आखिरकार, रामू के पास कुछ भी नहीं बचा। वह बहुत दुखी हुआ। तब उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने समझा कि पैसा सब कुछ नहीं होता। मेहनत ही सच्ची दौलत है।
रामू ने फिर से मेहनत करना शुरू कर दिया। उसने अपने खेतों को फिर से हरा-भरा बना दिया। और वह फिर से एक खुशहाल किसान बन गया।
सीख: मेहनत ही सच्ची दौलत है। लालच बुरा होता है।
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