Robot Story in Hindi : निहारिका अपने स्कूल में बहुत अच्छे से पढ़ाई करती थी। वह हमेशा पड़ाई में फर्स्ट आती थी। निहारिका अब ग्यारहवीं क्लास में आ चुकी थी।
एक दिन स्कूल की ओर से सभी बच्चों को एक रोबोट बनाने की कंपनी में ले गये। वहां रोबोट बनते देख सभी बच्चे बहुत खुश हुए, लेकिन निहारिका ज्यादा खुश नहीं थी।
उसके स्कूल की अध्यापिका मंजू जो कि उसके साथ उन्होंने पूछा – ‘‘क्या बात है निहारिका तुम्हें रोबोट अच्छे नहीं लगे क्या।’’
निहारिका ने कहा – ‘‘मेडम ये तो बहुत ही सिंपल रोबोट हैं अगर मुझे मौका मिले तो मैं इससे भी अच्छे रोबोट बना सकती हूं।’’
निहारिका की बात कंपनी के मैंनेजर ने सुन ली। उसने कहा – ‘‘बेटी आप इससे अच्छा रोबोट बना सकती हों जो कि हमारे इंजिनियरों ने कई सालों की मेहनत के बाद बनाया है?’’
निहारिका बोली – ‘‘सर अगर मुझे मौका मिल जाये तो इससे ज्यादा खूबियों वाले रोबोट मैं बना सकती हूं।’’
उसके बाद उस मैंनेजर ने अपने मालिक से बात की उन्होंने मंजू जी को अपने केबिन में बुला कर कुछ समझाया।
अगले दिन मंजू ने निहारिका को बुलाया और कहा – ‘‘निहारिका तुम्हारी बातों से उस रोबोट कंपनी के मालिक बहुत खुश हुए हैं उन्होंने रोबोट बनाने का सारा सामान भेजा है और कहा है कि तुम एक छोटा सा रोबोट बनाओ।’’
निहारिका बहुत खुश होती है। अब वह स्कूल की लैब में एक छोटा सा रोबोट बनाने में जुट जाती है। अपनी मदद के लिये वह अपनी दो सहेलियों को भी साथ में लगा लेती है।
दो महीने की कड़ी मेहनत के बाद निहारिका का रोबोट बन कर तैयार हो जाता है।
निहारिका उसे स्कूल की प्रिंसिपल के सामने ले जाकर रख देती है। प्रिंसिपल और मंजू जी दोंनो उस रोबोट से कुछ सवाल करती हैं। जिसका वह बखूबी जबाब दे देता है।
निहारिका उससे कुछ काम करने को कहती है। वह सारे काम कर देता है। दोंनो उसके रोबोट की प्रशंसा करती हैं। सच में ऐसा रोबोट उन्होंने पहली बार देखा था।
अगले दिन रोबोट कंपनी के मालिक और उनके कुछ इंजिनियर स्कूल में रोबोट देखने आते हैं।
जब वे रोबोट को टेस्ट करते हैं तो रोबोट उनके रोबोट से भी अच्छा प्रदर्शन करता है।
कंपनी का मालिक प्रिंसिपल से बात करता है वह कहता है – ‘‘हम चाहते हैं कि इस रोबोट को हम खरीद लें और इसी तरह के बड़े रोबोट बनायें। आपकी क्या राय है।’’
निहारिका यह सब सुन रही थी। तभी वह बोली – ‘‘आपको इसके कुछ फीचर तो मैंने बताये ही नहीं जैसे यह मैंने बुजुर्गों की मदद के लिये बनाया है। अक्सर बुजुर्ग अकेले रहते हैं। ऐसे में ये रोबोट उनकी देखभाल कर सकता है। इसके प्रोग्राम में मैंने एक चिप डाली है जिससे ये बुजुर्गों से उनकी भाषा में बात कर सकता है। उनकी दवा उनको टाईम पर दे सकता है। उनके खाने पीने का ध्यान रख सकता है। और खाली समय में उनके साथ खेल भी सकता है।’’
यह सुनकर सब बहुत खुश हुए लेकिन यह रोबोट ऐसा कोई काम नहीं कर पा रहा था। तब मंजू जी ने कहा – ‘‘यह क्या निहारिका यह तो ऐसा कोई काम नहीं कर रहा है।’’
निहारिका बोली – ‘‘मेडम वो चिप मेरे पास है। वो चिप और यह रोबोट मैं एक ही शर्त पर दूंगी। जब ये मुझे विश्वास दिलायें कि बुजुर्गों को ये रोबोट मुफ्त में देंगे।’’
कंपनी का मालिक बोला – ‘‘इससे तो हमें बहुत नुकसान होगा।’’
तब प्रिंसिपल ने कहा – ‘‘ठीक है तो आप इस रोबोट को छोड़ दीजिये और अपने रोबोट बेचते रहिये लेकिन जिस दिन किसी कंपनी ने हमारी शर्त मान ली आप बहुत पछतायेंगे।’’
कंपनी का मालिक मान गया। फिर निहारिका ने चिप बदल कर रोबोट से सारे काम करवा कर दिखा दिये।
एग्रीमेंट साईन हो गया। जिसके मुताबिक स्कूल का स्टॉफ और निहारिका ऐसे बुजुर्गों का पता लगाते जो अकेले रहते थे और उनके घर पर रोबोट भिजवाते थे।
अब गांव गांव और शहर शहर में निहारिका के रोबोट बुजुर्गों की देखभाल करने लगे। कुछ ही दिनों बाद निहारिका को राष्ट्रपति जी की ओर से पुरस्कार प्राप्त हुआ।
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